Cricketer to politician ...Now a LEADER how ? let us see the origin
इम्रानखान इतनी timeline पर गौर करे .. आप एक पब्लिक लीडर और पडोशी देशके मस्लेको कुछ अछ्ही तरह समज पायेंगे ... क्युकी कोईभी फिक्शनको ये कंपिट करसक्ता है. ये पूरी वारदात और घटनाए आपको “एसाभी होता है क्या ?” वाले अजूबे नज़र आयेंगे .
वैस ये वाली बातेकी एहमियत आजके दौरमें ज्यादा मुनासिब है
ये सब TV पर तप्सरे तक़रीर में मेगेज़िनमें मौजूद है ...
एक साथ शोर्ट में एक हाइलाइट्स देखते है .. इमरानखान क्रिकेट से रीटायर्ड होने के बाद पॉलिटिक्समें
कामयाब होनेको मौका तलाशते रहे ... पीटीआई पार्टीसे जुड़े और आर्मीकोभी दो पार्टिया पाकिस्तानमे
चलतीथी भुट्टो फेम पीपल्स पार्टी और नवाज़ शरीफ की मुस्लिम लीग वैसे कई और पार्टियाभी है मगर
नॅशनल लेवल पर बड़ी जमात ये दो थी. पाक आर्मी दोनों को बारी बारी अपने हिसाबसे इस्तेमाल
करके मौके देती रही . ये झमूरी लोकशाहीमें हो शकता है जो हाइब्रिड निझाम प्योर लोकशाही नहीं
इसका ये मतलब नहीं है के बाकी की डेमोक्रसी बहेतारिन है ... एसा नहीं है .. जहा लोग अच्छे है ...सो है ..जो बुरे है सो है ..... दुनियाकी नज़रसे पहेचाना जाता है... दो के बदले ३ पार्टी करे तो ?
क्युकी पकिस्तानकी आवाम ये दोनों से नाराज़ रहेती थी आर्मिने अपने इंटरेस्टको ज्यादा इन्दिरेक्ट कंट्रोल आसानी होगी ये समझते हुए ...पाकिस्तान तहेरिके इन्साफ PTI पार्टीको सहुलियात्कारी देना
शुरू करदिया ... और थोडा इधर उधर करके पब्लिक आवाम की खाहिश नए तजुर्बे के रुपमे सत्ता पे आ गई. इमरान बहोत ही जोश-फरोशसे नए नए उम्मीदकी किरण लिए ३ साल नीकल गए . एशियन
कंट्री में भावुकता ज्यादा होती है ..
इमरानने शासनमें कुछ बहोत गलतीया की. मझेकी बात ये है के फिरभी अन्य दो पार्टिया की गलतिया आवाम भूली नहीं थी. उनके कुछ अच्छे कामभी आवामने नजर अंदाज़ करदिये ... और इमारान एक
बहोत ही पावरफुल सियासतदान पोलिटिकल पर्सनालिटी बन गया जो मगरूर है , सरमुख्यत्यार है ,
बहोत सारे बेईमानिके कहे सुने और कई जगह तो बहोत सारे सबूत है अदालतके फैसले है , इल्जाम
पर्सनल लेवल पर उसकी जवानिकी लाइफ स्टाइल उसके ओरतोसे रीश्ते, पोलिगेमी ,आयाशी चोरी
गबन ये सब के बावजूदभी सोशियल मिडिया प्रेस घिनौनी अफ्सरोकी ग्रुपिंग आर्मी में गुप्स ये सब
इमरानके खिलाफ होने के बावजूद वो एक हकीकत है के आवामका कबूलियत वाला लीडर है वो चुनावमें नहीं आ सकता उसे लम्बी लम्बी कैदकी सझा हो चुकी है , पार्टी सिम्बोल बान है फिरभी
उसकी पार्टीको आर्मी + अन्य ओपोज़िसन पार्टी + अदालते + कुछ रिलीजियस ताकते + मिडिया के
बावजूद आवाम पाकिस्तान के इस नेताको लोहा मानती है ... ये पर्सेप्सन है गलत सही कुछ कहा
नहीं जा सकता ... कई चीज़े आश्चर्यजनक है इससे उसकी तारीफ़ या तरफदारी या तहोमत्दारी या
ताजियादारिकी कोई गुंजाईश नहीं है ...दर असल मगर क्या हुआ ? जो घटनाये का सिलसिला चल
पड़ा है उस पर एक नझर ... पडोशी मुल्क है ...दुश्मनी जानी पहेचानी गलतफहमी है ... मगर जो
हुआ ..जो हम देख समज पाए मिडिया अवलोकन से कोईभी टिपण्णीके बगैर ये देखते है...
३ साल खानसाहबको हो गए ... महेगाई बेरोजगारी जीडीपी फोरेंन रिज़र्व अन्य दुनियाके मुल्क केसाथ
ताल्लुकात मसले ही मसले ये हर देशके साथ १००% ओके कभी नहीं होता है..कही कुछ ज्यादा कही कुछ कम...पोलिटिकल ट्विस्ट यहाँ से आने लगा
TIME LINE...................................................... |
*पीटीआई सरकारके वित्त मंत्री जनाब शेख पूर्व मुख्या मंत्री
युसूफ गिलानिसे सेनेटका चुनाव हार गए...३-३-२०२१ .. यहा से देखते है ...पहेला
सिग्नल मिला के इमरानलोबीको ज़टका लगा
*इमरान ने तुरंत ६-३-२०२१ को ट्रस्ट पार्लियामेंट में जीता.
*८-३-२१ ओपोजिसन लीडर शाहबाज़ शरिफ्ने वोट ऑफ़ नो कोंफिडस मूव
किया
स्पीकर सूरिने सब खड़े होक काउंट करवाओ ...एसा कहा और नो
कोंफिदंस मोसन में गड़बड़ चालू हो गई ...
यहाँ कुछ पार्टी मेम्बर्सकी गिनतीमें क्रोस गिनती हुई
*१९-३-२१ खान ने लीगली जो लोटे मेम्बर्स पाए गए उनको नोटिस दी...
गिने चुने अब सामने आगये ...और वोट ऑफ़ नो कोंफिदेंस होने से
पहेले कोहराम मच गया
*२०-३-२१ जनाब स्पीकर कैसरने २५ तारीख तय की ये वोट ऑफ़ नो ट्रस्ट के लिए
२३-३-२१ खानने जो कहा वो में इस्तीफा नहीं दूंगा ...मेरे
पास मेरा मूव है ...मैंने अपने कार्ड अभी
नहीं खेले है ...आपको पता लगेगा ... Khan
said he would not resign even as three allies indicated
that they would vote against his government. “I
will not resign under any circumstances. I will play till the last ball… and I
w “My trump card is that I have not laid any of my cards yet,” he had
said.
surprise them the Opposition a day before as they are
still under pressure,"
२५-३-२१ वोट टेबल नहीं किया गया हंगामा के बिच ...पोस्ट
पोंड हुआ अब वोट २८-३-२१ को होगा स्पीकर
ने तय किया ....लोटा और छोटी पार्टिया की हलचल जाहिर करती थी की कुछ तकलीफ है ....
२७-३-२१ एक रेलिमे खान ने वो फेमस ख़त लहेराने
वाला सिन किया जिसमे सैफर पाक अफ्सरने लिखा की अमेरिका और कई बाहरकी मुल्क की मुदाख्लत प्रेसर कर रही है के हकूमत गिराओ
....पूरी आवाम दहेक उठी और चर्चोने जोर पकड़ लिया के गैर मुल्क कैसे हमारे मामलेमे
दखल कर शकते है ?
२८-३-२१ रेली की असर एक प्रेशरमें दिख रहीथी
.पार्लामेंटमें शबाज़ शरीफने वोट ऑफ़ नो कोंफिदंस मूव किया
३०/और ३१ -३-२१ MQM-P स्माल पार्टी लेकिन
नंबर गेम में जरुरी ने खानको सपोर्ट वापस लिया
२४ पॉइंट प्रोग्राम के लिए सेक्रेटरीएट से
समजौता हुआ अब यकीनी तारीख तय हुई
३-४-२१ कासिम सूरी जो डेपुटी स्पीकर थे ...(
कुछ माह बाद पता चला वो गेर्कानूनी चूकसे डिप्टी का होद्दा पर थे !!!) सीधा ही एक
चिठ्ठी पढ़ली जिसमे टाइप करने वालेका नाम भी पढ़ लिया !!!! दी ..और वोट ऑफ़ नो
कोंफिदेंस को ब्लोक कर दिया ... प्रेसिडेंट अलावीने पार्लियामेंट बिखेर दी वजीरे
आज़म की सलाह पे
सब लोक हक्का बक्का रहे गए ... ओपोसिसन
इकठ्ठा हुआ सुप्रीम कोर्टमें उम्र अत्ता बंदियलको फरियाद करने लगे ... मोहोल बिगड़ चूका था ...कोर्टने
प्रेसिडेंट और स्पीकर और खान की हुकम को स्टे कर दिया और फ़ौरन पार्लियामेंट में
इलेक्शन करवाया ....१९७ वोट से खान हार गया . उस वक्त खान मान नहीं रहां था बीबीसी
ने जानकारी दी के हेलिकोप्टर में कुछ अफसर आये खान को मिले कुछ गरमा गर्मी हुई
..खानको जापट भी पडी ( ये सब हमारे कंट्री में होता रहेता है ...कुछ न भी हुआ हो
... मगर पढ़े लिखे लोग जोड़ देते है )
खानको आर्मी + अदालत + ओपोजिसन + उन्हीके MNA
मेंबर ऑफ़ नॅशनल एसेम्बली + ब्यूरोक्रेट्स हराया जरुर है मगर कानूनी पार्लियामेंट
में वोट से.... इसके बाद आप खुद इवेंट्स पढ़े .... बारिकिका समझिये
डॉ हरकांत जी जोषी.
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